शिक्षक, साहित्यकार एवम् संगीतकार

डॉ. प्रीति प्रकाश प्रजापति (विवाह से पहले अडालजा) साहित्य और संगीत को एक गहरे, सहज अंतर्ज्ञान के माध्यम से जोड़ती हैं— जहाँ ध्वनि, भाषा और अर्थ केवल दिखाई देने वाली चीज़ों से परे जाकर मिलते हैं। उनका कार्य एक ऐसी दुनिया में प्रवेश का निमंत्रण है जो सुनने, कल्पना और अनुनाद से आकार लेती है। यह वह स्थान है जहाँ अकादमिक ज्ञान और कलात्मक संवेदनशीलता एक होकर, आधुनिक हिंदी की धुन पर शास्त्रीय संगीत की गूँज पैदा करते हैं

Dr. Priti Prakash Prajapati née Adalja engages literature and music through a deeply intuitive, embodied sensibility — where sound, language, and meaning converge beyond the visual. Her work invites us into a world shaped by listening, imagination, and resonance.